इस लेख में हम जानेंगे कि प्रोग्राम कंट्रोल लैंग्वेज क्या है और ये computer language का एक अहम हिस्सा क्यों है?
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प्रोग्राम कंट्रोल लैंग्वेज (PCL) क्या है? — कंप्यूटर की भाषा का एक अहम हिस्सा
जब हम कंप्यूटर को एक साथ कई प्रोग्राम देने की कोशिश करते हैं, तो कंप्यूटर के सामने एक बड़ी चुनौती आ जाती है। वह यह नहीं समझ पाता कि कौन सा प्रोग्राम कहाँ खत्म हुआ और दूसरा प्रोग्राम कहाँ शुरू होता है। साथ ही, यह भी जानना जरूरी होता है कि हर प्रोग्राम को चलाने के लिए किस तरह का इंटरप्रेटर, कंपाइलर या हार्डवेयर चाहिए।
इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रोग्राम कंट्रोल लैंग्वेज (Program Control Language - PCL) का जन्म हुआ।
PCL क्या करती है?
PCL में यूजर कुछ विशेष निर्देश (commands) प्रोग्राम के साथ लिखता है, जो कंप्यूटर को यह बताते हैं कि -
कौन-सा प्रोग्राम कब शुरू होगा और कब खत्म होगा।
किस प्रोग्राम को किस संसाधन (जैसे कंपाइलर या हार्डवेयर) की जरूरत है।
प्रोग्रामों को सही क्रम में कैसे चलाना है।इस प्रकार, PCL एक तरह से कंप्यूटर और प्रोग्रामों के बीच मध्यस्थ की तरह काम करती है, जो संपूर्ण प्रक्रिया को सुचारू और व्यवस्थित बनाती है।
PCL और प्रोग्रामिंग का संबंध
जब कोई प्रोग्राम लिखा जाता है, तो उसके साथ ही PCL के निर्देश भी जोड़े जाते हैं। इन्हें मिलाकर ही कंप्यूटर को भेजा जाता है ताकि प्रोग्राम सही तरीके से execute हो सके। इस पूरे सेट को स्टैक (Stack) भी कहा जाता है।
हर कंप्यूटर के लिए अलग होती है PCL
ध्यान देने वाली बात यह है कि PCL हर कंप्यूटर या सिस्टम के अनुसार भिन्न होती है। क्योंकि हर कंप्यूटर की ज़रूरतें, संसाधन और आर्किटेक्चर अलग होती है, इसलिए PCL भी उसी के अनुसार design की जाती है।
Conclusion
प्रोग्राम कंट्रोल लैंग्वेज कंप्यूटर को प्रोग्रामों को समझने और चलाने में मदद करती है। यह एक खास निर्देशों का समूह है जो कंप्यूटर को बताता है कि प्रोग्राम कैसे और कब execute करने हैं। बिना PCL के कंप्यूटर के लिए कई प्रोग्रामों को संभालना मुश्किल हो जाता है।
अगर आप कंप्यूटर प्रोग्रामिंग या सिस्टम के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो Program control language की समझ बहुत जरूरी है।